Why we celebrate Sita Jayanti| Sita Jayanti|
Introduction
This day is also known as Sita Jayanti. Married women keep fast on this day and pray to Sita mother to long age of their husbands. Sita mother is akso known as Janaki because she is daughter of Raja Janak. Sita Mother was born on tuesday in Pushya Nakshatra. Sita navami is celebrated on Navami Tithi during Shukla Paksha of Vaishakha month. Goddess Sita was married to Lord Rama he was also born on Navami Tithi during Shukla Paksha of Chaitra month. Sita Mother is adopted daughter of Raja Janak. According to hindu mythology, it is believed that when Raja Janak was ploughing the land to conduct a Yajna he found a baby girl in the casket. The ploughed land name is Sita hence, the janak declared the name of baby girl is Sita.
Mata Sita Biography
After some years, when Sita Mother is young Raja Janak think Sita should do marry with a king. He choose Lord Rama who is from ayodhya son of Raja Dashrath. When Sita Mother is married, due to some reason Mother Sita, Lord Rama and his brother laxhman had to gone the exile of 14 years. And after some time Ravan the king of lanka kidnap Sita Mother, then 14 years she is in capture of Ravan after then lord Rama killed Ravan and they again go to Ayadhya.
Sita Navami worship method:-
After decorating Mother Sita, offer the items of Suhaag. After this, offer roli, garland, flowers, rice, incense, lamp, fruits and sweets. Light a lamp with sesame oil or cow's ghee and then perform the aarti of the mother. After this chant the mantras of Mother Sita 108 times and recite Sita Chalisa.
FAQ's Question/Answers
Ques 1.What is the worship method of Sita Navami ?
Ques 2.What is the other name of Mother Sita ?
Ques 3.Who marry with mother Sita ?
Ques 4.What we have to do on Sita Navami ?
Ques 5.Why we celebrate Sita Navami ?
Ques 6.When was Sita navami celebrated ?
Ques 7.Who can do fast on this day ?
Ques 8.What is the other name of Sita Navami ?
You also learn free in this:- imutant
You learn in my youtube channel:- @funnymusicgirl
You also learn in this :- Mother's day
सीता नवमी को माता सीता के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
परिचय
इस दिन को सीता जयंती के नाम से भी जाना जाता है। विवाहित महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं और सीता माता से अपने पति की लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं। राजा जनक की पुत्री होने के कारण सीता माता को जानकी भी कहा जाता है। सीता माता का जन्म मंगलवार को पुष्य नक्षत्र में हुआ था। वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को सीता नवमी मनाई जाती है। देवी सीता का विवाह भगवान राम से हुआ था, उनका जन्म भी चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था। सीता माता राजा जनक की दत्तक पुत्री हैं। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह माना जाता है कि जब राजा जनक यज्ञ करने के लिए भूमि की जुताई कर रहे थे, तो उन्हें ताबूत में एक बच्ची मिली। जोती हुई भूमि का नाम सीता है इसलिए जनक ने बच्ची का नाम सीता घोषित किया।
माता सीता जीवनी
कुछ वर्षों के बाद, जब सीता माता युवा हुईं तो राजा जनक ने सोचा कि सीता को किसी राजा से विवाह कर लेना चाहिए। वह भगवान राम को चुनते हैं जो राजा दशरथ के पुत्र अयोध्या से हैं। जब सीता माता का विवाह हुआ तो किसी कारणवश माता सीता, भगवान राम और उनके भाई लक्ष्मण को 14 वर्ष का वनवास जाना पड़ा। और कुछ समय बाद लंका के राजा रावण ने सीता माता का अपहरण कर लिया, फिर 14 साल तक वह रावण के कब्जे में रही, उसके बाद भगवान राम ने रावण को मार डाला और वे फिर से अयोध्या चले गए।
सीता नवमी पूजा विधि:-
माता सीता का श्रृंगार करने के बाद सुहाग का सामान अर्पित करें। इसके बाद रोली, माला, फूल, चावल, धूप, दीप, फल और मिठाई अर्पित करें। तिल के तेल या गाय के घी का दीपक जलाएं और फिर मां की आरती उतारें। इसके बाद माता सीता के मंत्रों का 108 बार जाप करें और सीता चालीसा का पाठ करें।